इस शहर में तुलादान का मौका, भगवान कृष्ण ने की थी इस परंपरा की शुरुआत, जानें महत्व
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ओम प्रकाश निरंजन / कोडरमा. जीवन से तमाम तरह के कष्‍टों को दूर करने और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए तुला दान का विशेष महत्व है. दान से न सिर्फ ग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं बल्कि पुण्य की प्राप्ति भी होती है. श्री कोडरमा गौशाला समिति 73वां गोपाष्टमी पूजा पर गौशाला में तुला दान का आयोजन करने जा रही है.

श्री कोडरमा गौशाला समिति के द्वारा 21 नवंबर को गौशाला प्रांगण में तुलादान कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. समिति के पदाधिकारी ने बताया कि पौराणिक काल से ही तुलादान का विशेष महत्व है सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण ने तुलादान किया था. गोपाष्टमी के अवसर पर मंगलवार की सुबह 10 बजे से इसका आयोजन गौशाला में किया गया है.

लोग वजन के बराबर गाय का चारा दान करेंगे
गौशाला समिति के पदाधिकारी ने बताया कि सनातन धर्म में 16 प्रकार के दान में तुला दान को सबसे सर्वश्रेष्ठ दान बताया गया है. तुलादान को लेकर श्री कोडरमा गौशाला समिति के प्रांगण में तराजू और गौ आहार ( चोकर, गुड़, हरा चारा, दर्रा ) की व्यवस्था की गई है. तुला दान करने वाले लोग तराजू के एक तरफ बैठेंगे और उसकी दूसरी तरफ उनके वजन के बराबर गौ आहार का दान गौशाला में पल रहे 325 गौ वंशो के लिए किया जाएगा.

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