रिपोर्ट- एजाज अहमद
गिरिडीह. झारखंड के गिरिडीह जिले के राजधनवार में छठ महापर्व पूरे झारखंड में सबसे ज्यादा हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यहां पर हर वर्ष नए-नए एक से बढ़कर एक कलाकृतियां बनाई जाती है जो हमेशा आकर्षक व खूबसूरती का केंद्र होता है. साथ ही जनमानस में एक मैसेज देने की कोशिश रहती है. इस वर्ष भी छठ के मौके पर यहां चंद्रयान-3 की कलाकृतियां बनाई गई है जिसमें ऑर्बिट से लेकर लेंडर, रोवर और रॉकेट समेत अन्य साइंटिफिक जानकारियां दी गई है. इस प्रकार यहां पर बने इसरो के लैब की पूरी चर्चा जिले भर में हो रही है.
पूजा समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया कि यहां पर चंद्रयान 3 के आकार की कलाकृतियां बनाने के पीछे का उद्देश्य यह है कि यहां पर आने वाले लाखों की संख्या में लोगों को मनोरंजन के माध्यम से कुछ साइंटिफिक जानकारियां साझा करना है, क्योंकि चंद्रयान-3 के चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग के बाद पूरे विश्व ने भारतीय वैज्ञानिकों का लोहा माना और पूरे विश्व भर में इसरो का डंका बज रहा है, क्योंकि चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का सबसे पहले देश भारत बन गया है.
इसलिए इसके बारे में लोगों को जानकारियां साझा की जा रही है. साथ ही इसरो के वैज्ञानिकों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद अर्पित की जा रही है. वहीं इस चंद्रयान-3 को बनाने में लगे बंगाल के कारीगरों ने बताया कि पिछले एक महीने से इसे सफलतापूर्वक बनाने में काम किया जा रहा है. काफी मेहनत के बाद इसे सफलतापूर्वक हूबहू चंद्रयान 3 के रूप में बनाया गया है, जिसमें कपड़ा, मिट्टी, फोम समेत अन्य सामग्री को इस्तेमाल किया गया है.
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पहले प्रकाशित : 20 नवंबर, 2023, 11:22 IST