शिखा श्रेया/रांची. झारखंड की कई नदियों में हीरा खोजा जाएगा. जी हां, दरअसल इतिहास के पन्ने पर झारखंड की नदियों में हीरे मिलने की बात लिखी गई है, जिस आधार पर राज्य की नदियों में हीरे खोजने का कार्य किया जाएगा. केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है. राज्य में रांची और पलामू प्रमांडीय जिलों में कई नदियों के कछार में हीरा खोजा जाएगा.
भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग में 2019 में यह परियोजना तैयार की थी. इसके लिए मुगल शासक जहांगीरनामा से लेकर 1917 तक के दर्ज़नों विश्व प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों में झारखंड के डायमंड रिवर का नक्शा और अन्य जानकारी को आधार बनाया गया था. इसके अलावा फ्रांसीसी यात्री जेवी त्रावनिएर के भारत यात्रा पुस्तक में भी जारी नक्श छोटानागपुर में डायमंड रिवर के पास भी खोजबीन होगी.
20 विश्व प्रसिद्ध लेखकों ने लिखा झारखंड में है हीरा
विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. चंदन कुमार ने बताया कि रांची स्थित भूगर्भ संरक्षण विभाग के अधिकारियों से मुलाकात हुई और केंद्र सरकार के खान मंत्रालय के निर्णय के बाद झारखंड में हीरा खोजने की परियोजना पर अधिकारियों से बातचीत भी की गई. अधिकारियों ने कहा कि हीरा खोजने की परियोजना पर काम हो रहा है. आगे बताया कि जहांगीरनामा के अलावा 20 विश्व प्रसिद्ध लेखकों ने अपनी पुस्तकों में झारखंड की नदियों में हीरा होने की बात लिखी है.
कोयल और शंख नदी का होगा सर्वेक्षण
प्रोफेसर ने आगे बताया कि राज्य में रांची, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा व लातेहार समेत कई जिलों की नदी विशेष कर कोयल, शंख नदी का सर्वेक्षण होगा. नदी किनारे जहां जमीन से कीड़ा, पतंगे, मूसा व दीमक पाए जाते हैं, उन स्थानों को इसमें शामिल किया जाएगा. इसके अलावा राज्य में जहां अन्य खनिज बड़े पैमाने में निकाले जाते हैं, वहां भी सर्वेक्षण होगा.
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पहले प्रकाशित : 20 नवंबर, 2023, दोपहर 1:13 बजे IST