MBBS डॉक्टर का मुर्गा प्रेम; बेच रहा 'कड़कनाथ', महीने की कमाई जान होंगे हैरान!
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रूपांशु चौधरी/हजारीबाग. कड़कनाथ मुर्गा दुनिया भर में अपनी खास पहचान बना चुका है. भारत में इस कारोबार का मुख्य केंद्र मध्य प्रदेश का झाबुआ है. मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग भी मिला है. लेकिन, अब देश के दूसरे राज्यों में भी लोग कड़कनाथ मुर्गा पालन कर रहे हैं. वहीं हजारीबाग में भी कड़कनाथ मुर्गा पालन से एक एमबीबीएस डॉक्टर जुड़े हुए हैं, जो अब मोटी कमाई कर रहे हैं.

हजारीबाग सदर सदर प्रखंड के सखियां पंचायत के दुग्धा गांव के एनिमल फार्म में बृहद पैमाने पर कड़कनाथ और देसी मुर्गी का पालन किया जा रहा है. एनिमल फार्म के संचालक डॉ. आलोक कुमार बताते हैं कि साल 2017 में उन्होंने कड़कनाथ प्रजाति के 120 मुर्गे और मुर्गियों को झाबुआ मध्य प्रदेश से मंगवाया था. तब से वह इनका पालन कर रहे हैं.

दरअसल, डॉ. आलोक एमबीबीएस डॉक्टर हैं. लेकिन, किसान परिवार से आने के कारण खेती-बाड़ी के भी काफी करीब हैं. लिहाजा, उन्होंने प्रयोग के तौर पर कड़कनाथ मुर्गा फार्म की शुरुआत की, जो सफल साबित हुआ. अपने पैतृक गांव ओरिया में क्लीनिक चलाते हैं. साथ में मुर्गा फार्म का भी संचालन कर रहे हैं.

2.5 एकड़ का फार्म
डॉ. आलोक कुमार आगे बताते हैं कि दुग्धा गांव में उनकी 5 एकड़ की कृषि भूमि खाली पड़ी थी, जिसमें 2.5 एकड़ में वह कृषि और 2.5 एकड़ में मुर्गी पालन कर रहे हैं. अभी फार्म में कड़कनाथ और सोनाली ब्रीड के मुर्गा-मुर्गी 5000 से अधिक उपलब्ध हैं. इन मुर्गियों के पालन के लिए दो मुर्गी शेड हैं. अभी कड़कनाथ मुर्गा 500 से 600 रुपए प्रति किलो बेचा जाता है. वही सोनाली 400 से लेकर ₹500 किलो ग्राहकों को बेचा जाता है.

चूजों से भी कमाई
डॉ आलोक कुमार आगे बताते हैं कि शुरुआत में 120 मुर्गा मुर्गियां फार्म पर मंगवाया था. फिर इन्हीं से जो अंडे हुए इन्हें कृत्रिम रूप से हेचरिंग कर नए चूजों को तैयार किया गया है. फार्म पर मुर्गियों के अलावा छोटे चूजों को भी नए किसानों को उपलब्ध करवाया जाता है. इसमें कड़कनाथ मुर्गी के चूजे को 40 रुपये पीस और सोनाली ब्रीड के चूजों की कीमत 25 से 30 रुपये पीस है.

1.5 लाख महीने की कमाई
डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि फार्म के निर्माण में लगभग एक करोड़ रुपये का खर्चा आया है, जिसमें अधिकांश खर्च हेचरिंग की मशीनों का है. वहीं कमाई की बात की जाए तो मुर्गा और चूजों की बिक्री से प्रत्येक माह लगभग 1.5 लाख की कमाई होती है.

टैग: हज़ारीबाग़ समाचार, झारखंड समाचार, स्थानीय18, एमबीबीएस


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